जी करता है इस नभ को मैं पेंग बढ़ाकर छूलूँ इंद्रधनुष के सतरंगी बेड़े में झूला झूलूँँ। जी करता है इस नभ को मैं पेंग बढ़ाकर छूलूँ इंद्रधनुष के सतरंगी बेड़े में झूला झू...
इसके विपरीत जो दृढनिश्चयी, महत्वकांक्षी व स्वाभिमानी है वह निरंतर प्रगति की पायदान। इसके विपरीत जो दृढनिश्चयी, महत्वकांक्षी व स्वाभिमानी है वह निरंतर प्रगत...
लगता है ,फागुन आ रहा है धीरे धीरे है, अंबर सजा हुआ सतरंगी बहारों से लगता है ,फागुन आ रहा है धीरे धीरे है, अंबर सजा हुआ सतरंगी बहारों से
तो कभी पुष्प बनकर यहां से वहां। राह पर भारती के बिखरती रही ।। नारियाँ हैं नहीं आज सुरक्षित यहां।... तो कभी पुष्प बनकर यहां से वहां। राह पर भारती के बिखरती रही ।। नारियाँ हैं नह...
मैं भटकता रहा पागलों की तरहबिन तेरे मैं जियूँ ये तो संभव नहींहँस के मैं मर सकूँ प्राण लो इस तरह मैं भटकता रहा पागलों की तरहबिन तेरे मैं जियूँ ये तो संभव नहींहँस के मैं मर सकूँ ...
पुष्प की पंखुरी अधखुले युग अधर मंद मुसकान को अब दबाओ न तुम पुष्प की पंखुरी अधखुले युग अधर मंद मुसकान को अब दबाओ न तुम